मुजफ्फरपुर कांड: चार्जशीट में खुलासा, नशे की सूई देकर लड़कियों से बलात्कार में बड़े नेता से लेकर आला अधिकारी शामिल

मुजफ्फरपुर कांड: चार्जशीट में खुलासा, नशे की सूई देकर लड़कियों से बलात्कार में बड़े नेता से लेकर आला अधिकारी शामिल

बिहार के कुख्यात मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस की जांच कर रही सीबीआई ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 21 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है. सीबीआई ने इन सभी के खिलाफ स्पेशल पॉक्सो कोर्ट में चार्जशीट दायर की है. सीबीआई की तरफ से दायर चार्जशीट के मुताबिक शेल्टर होम की लड़कियों को अश्लील गानों पर डांस करने के लिए मजबूर किया जाता था. फिर उन्हें नशे का इंजेक्शन दिया जाता था, उसके बाद उनका रेप किया जाता था. लड़कियों के साथ इस घिनौनी हरकत को अंजाम देने वालों में बिहार के बड़े नेता और आला अधिकारी शामिल हैं. सीबीआई की तरफ से ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ दायर 73 पन्ने की चार्जशीट में इन सारी बातों का जिक्र है.

सीबीआई के एसपी देवेंद्र सिंह ने 19 दिसंबर को स्पेशल पॉक्सो कोर्ट में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज आरपी तिवारी के सामने सभी 21 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. चार्जशीट के मुताबिक जिन लड़कियों ने शेल्टर होम में मेहमानों के समाने अश्लील डांस करने से मना किया, उन्हें रात में खाने के लिए रोटी और नमक दिया जाता था. वहीं जिन लड़कियों ने मेहमानों को खुश किया, उन्हें अच्छा खाना दिया जाता था.

चार्जशीट में दायर आरोपियों के नाम

मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, इंदू कुमारी, मीनू देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी, रवि कुमार रोशन, विकास कुमार, दिलीप कुमार वर्मा, विजय कुमार तिवारी, गुड्डू कुमार पटेल उर्फ गुड्डू, कृष्ण कुमार राम उर्फ कृष्णा, रोजी रानी, रामानुज ठाकुर उर्फ मामू, रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर साहब उर्फ मास्टर जी, डॉ. अश्विनी उर्फ आसमनी, विक्की , साइस्ता परवीन उर्फ मधु व डॉ.प्रमीला का नाम शामिल है.

आरोपियों पर लगाई गई धारा

सभी आरोपियों को आईपीसी की धारा 323, 325, 341, 354, 376 सी व 34 और पॉक्सो एक्ट 2012 की धारा 04, 06,08, 10, 12 व 17 के तहत आरोपित किया गया है. इन सारे आरोपियों पर लड़कियों के साथ मारपीट करने, नशीली दवा या इंजेक्शन देने, अश्लील गानों पर नाचने को मजबूर करने, शेल्टर होम में आए मेहमानों के साथ रहने के लिए मजबूर करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. साथ ही मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, रवि कुमार रोशन, विकास कुमार, रामाशंकर सिंह, विजय कुमार तिवारी, गुड्डू और कृष्णा राम पर रेप का भी आरोप है. आरोपियों के खिलाफ सबूत के लिए सीबीआई ने शेल्टर होम की 33 पीड़ित लड़कियों के अलावा 101 लोगों को गवाहों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है.

गौरतलब है कि साल 2018 के अप्रैल में मुंबई की टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ स्कूल साइंस (TISS) ने बिहार के 110 शेल्टर होम पर सोशल ऑडिट किया था. इस सोशल ऑडिट में बिहार के लगभग सारे शेल्टर होम की स्थिति बदतर बताई गई थी. लेकिन मुजफ्फरपुर के एक शेल्टर होम में नाबालिग बच्चियों के साथ लंबे समय से हो रहे रेप की खबर ने बिहार के शेल्टर होम की सच्चाई सबके सामने ला दी. इस मामले में हाई-प्रोफाइल लोगों के जुड़े होने की बात सामने आई. बिहार सरकार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति का नाम सामने आने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. साथ ही ये बात सामने आई कि शेल्टर होम के मालिक ब्रजेश ठाकुर को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था.