बिहार के राजगीर में हर साल बड़ी संख्या में देश-विदेश से पर्यटकों पहुँचते हैं. पर्यटकों को लुभाने के लिए बिहार सरकार राजगीर में कई नई चीजों का निर्माण करा रही है. ऐसे में पर्यटकों को रोमांचकारी अनुभव देने के लिए ग्लास स्काईवॉक ब्रिज भी बनाया गया है. पाँच पहाड़ियों से घिरी राजगीर में बना यह कांच का पुल (ग्लास ब्रिज) बिहार का पहला और देश का दूसरा ब्रिज है. जो अगले साल के मार्च तक पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा. 250 फुट की ऊँचाई पर बने इस ग्लास ब्रिज की लंबाई 85 फुट और चौड़ाई 6 फुट है. इस पर एक साथ 40 लोग जा सकेंगे, हालांकि डी सेक्टर यानी अंतिम छोर पर एक साथ 10 से 12 लोग ही जा सकेंगे.
नए साल में राजगीर आने वाले पर्यटकों को स्काईवॉक ब्रिज के अलावा और भी तोहफ़ा मिलने वाला है. राजगीर के वेणुबन में 500 एकड़ में जू सफ़ारी और नेचर सफ़ारी का निर्माण हो रहा है. यह ग्लास स्काईवॉक ब्रिज उसी का हिस्सा है. राजगीर के अति प्राचीन वैभार गिरी पर्वत के तलहटी में बनाए गए इस पुल में 15 एमएम के तीन लेयर के शीशे लगाए गए है. इसमें लगे शीशे की कुल मोटाई 45 एमएम है, जो पूरी तरह से पारदर्शी है, जिसके कारण इसपर चलना काफी रोमांचकारी भी होगा. इसके अलावा पर्यटकों ज़िप लाइन, तीरंदाज़ी, साइकलिंग, ट्रेकिंग पाथ, मड और ट्री स्टेज, वुडेन हट, औषधीय पार्क जैसी व्यवस्था का भी आनंद ले सकेंगे.
बिहार के पहले ग्लास स्काईवॉक ब्रिज का आइडिया चीन से लिया गया है. चीन के हेबई प्रांत के एस्ट तैहांग में बने स्काई वॉक के तर्ज़ पर बनाया गया है. देश का पहला स्काईवॉक ब्रिज सिक्किम के पोलिंग में है.