केजरीवाल ने कृषि कानून वापस लेने की अपील की, कहा- पहले नागरिक हूं, फिर मुख्यमंत्री

केजरीवाल ने कृषि कानून वापस लेने की अपील की, कहा- पहले नागरिक हूं, फिर मुख्यमंत्री

नए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में बृहस्पतिवार को इन कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ी.

इसके अलावा दिल्ली की आप सरकार ने इन कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव भी विधानसभा में पारित किया. दिल्ली विधानसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि ‘‘ ये कानून भाजपा की चुनावी फंडिंग के लिए हैं न कि किसानों के लिए।’’

केजरीवाल ने कहा कि वह इस देश के किसानों को धोखा नहीं दे सकते हैं, जो कड़ाके की ठंड में सड़क पर हैं.  मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ वह पहले देश के नागरिक हैं, उसके बाद ही मुख्यमंत्री हैं.  यह विधानसभा तीनों कानूनों को खारिज करती है और केंद्र सरकार से अपील करती है कि वे किसानों की मांगें स्वीकार कर लें.’’

हालांकि केजरीवाल के बयानों पर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि केजरीवाल यू-टर्न के मास्टर हैं.

आपको बता दें कि बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि  प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ केंद्र सरकार की बातचीतप्रत्यक्ष तौर पर काम नहीं कर पाईऔर उसे असफल होना ही था.  अदालत ने  किसानों और सरकार के बीच गतिरोध दूर करने के लिये दोनों पक्ष के प्रतिनिधियों को शामिल करके एक समिति का गठन करने की बात कही लेकिन प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं का कहना है कि यह कोई समाधान नहीं है.

 किसान सिंघू, टिकरी और गाजपुर सीमाओं पर जमे हुए हैं और इससे दिल्ली के कई मार्गों पर यातायात प्रभावित है और शीर्ष अदालत प्रदर्शन कर रहे किसानों को संबंधित स्थानों से हटाने की अपील करने वाली याचिका की सुनवाई कर रही थी. अदालत का यह भी कहना कि वो इस बात को मानती है कि लोकतंत्र में प्रतिरोध जताने का संवैधानिक अधिकार है, पर याद रहे कि इससे किसी दूसरे व्यक्ति के अधिकारों का हनन न हो. अदालत ने कहा कि हम संघ से पूछेंगे कि विरोध करने की प्रकृति को बदलने के लिए क्या किया जा सकता है जो यह सुनिश्चित करेगा कि दूसरों के अधिकारों को प्रभावित न हों.