प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दे सकते हैं. प्रधानमंत्री इस दौरान किसानों के मुद्दे पर भी अपनी बात रख सकते हैं.
बता दें कि पांच फरवरी को भाजपा ने राज्यसभा में अपने सदस्यों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया था. भाजपा ने अपने सांसदों से 8 फरवरी से 12 फरवरी के बीच सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा था. उधर कांग्रेस ने भी व्हिप जारी कर अपने सांसदों को सोमवार को सदन में उपस्थिति रहने के लिए कहा है. ऐसे में सदन में हंगामा होने की उम्मीद है. कांग्रेस कृषि कानून को लेकर सदन में चर्चा की लगातार मांग कर रही है.
अटकलें तो ये भी लगाई जा रही हैं कि प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान कुछ नेता सदन से वॉकआउट भी कर सकते हैं. ऐसे भी विपक्ष लगातार कृषि कानून को लेकर हमलावर है. राजनीति का एक एंगल यह भी है कि आने वाले समय में पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश समेत कई प्रमुख राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इस नजरिये से देखा जाए तो विपक्षियों के पास ये अच्छा मौका है. गौरतलब है कि सोमवार को 17 विपक्षी पार्टियों की एक संयुक्त बैठक भी होनी है, जिसमें विपक्ष लोकसभा में अपने रणनीति की समीक्षा करेगा.
प्रधानमंत्री वैसे तो कई बार नए कृषि कानून को कृषि क्षेत्र में सुधार वाला और कल्याणकारी बता चुके हैं. वह इसको लेकर कई ट्वीट भी कर चुके हैं. लेकिन पहली बार सदन में विपक्षी पार्टियों के इस कानून पर सरकार को घेरने की कोशिश के बीच वह इस मुद्दे पर अपनी बात रखेंगे. हाल में पीएम ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के भाषण का लिंक साझा करते हुए ट्वीट करके कहा कि मंत्री ने राज्यसभा में कृषि सुधार कानूनों से जुड़े प्रत्येक पहलू को लेकर विस्तार से जानकारी दी है. वह अपील करते हैं कि उनकी यह बयान जरूर सुनें.