जदयू की तरफ़ से बिहार विधानसभा 2020 के चुनाव प्रचार की शुरुआत हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू की ‘निश्चय संवाद’ रैली के ज़रिए राज्य भर में अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इसके साथ ही Jdulive.com की शुरुआत की गई है. इस वर्चुअल रैली का आगाज जदयू ऑफिस में बने नए कर्पूरी ठाकुर सभागार से हुई है. बताया जा रहा है कि डिजिटल रैली के लिए जिस तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, वो भारत में पहली बार हो रहा है.
पार्टी की तरफ से ये दावा किया गया है कि इस डिजिटल रैली में राज्य भर से 30 लाख से अधिक लोगों के जुडे़. इसके लिए सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल किया गया. साथ ही हर जिला, विधानसभा, पंचायत से लेकर छोटे चौक-चौराहों पर लोगों से जुड़ने के लिए टीवी स्क्रीन प्रोजेक्टर और एलईडी की व्यवस्था की गई थी.
‘निश्चय संवाद’ रैली के जरिए नीतीश कुमार अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनवाया. उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि हमारी आदत प्रचार करने की नहीं है. हम अपना काम चुपचाप करते रहते हैं.
वर्चुअली रैली में नीतीश कुमार ने किन-किन उपलब्धियों को गिनाया?
– हमने कोरोना के लिए लोगों को सचेत करने की कोशिश की. हमने कोरोना की जाँच क्षमता बढ़ाई. बिहार में 1.50 लाख लोगों की हर रोज़ जाँच हो रही है. कोरोना जांच के लिए अमेरिका से कोबास मशीन मंगवाई जा रही है.
– लॉकडाउन के दौरान बाहर से आए 15 लाख लोगों को हमने 14 दिन तक क्वारंटाइन में रखा. प्रत्येक व्यक्ति पर हमने 5 हज़ार रुपए खर्च किए हैं.कोरोना के समय बाहर फँसे लोगों से हमने बात की और उनका ख्याल रखा. लेकिन हमें प्रचार करने की आदत नहीं है.
– कोरोना जैसी बीमारी में दिन रात काम कर रहे डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों को एक महीने का अधिक वेतन दिया. वहीं कोरोना मृतक परिजनों को सरकार की तरफ से 4 लाख रुपये की मदद दी जा रही है.
– लॉकडाउन में हमने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के ज़रिए कई योजनाओं की शुरुआत की है.
– बिहार में लॉकडाउन के दौरान 23 लाख 38 हजार लोगों के राशन कार्ड बनवाए गए हैं.
– बिहार में सख़्ती से क्राइम में कमी आई है. पहले क्राइम होता था तो कोई गवाह नहीं बनता था. लोगों राइफल और बंदूक लेकर निकलते थे. लेकिन अब दुष्कर्म के मामले में बिहार का 33वाँ स्थान, डैकेती में 16वां और हत्या में 17 वां स्थान है.
– पहले पांचवी के बाद लोगों बच्चियों को स्कूल भेजना बंद कर देते थे लेकिन हमने पोशाक योजना औऱ साइकिल योजना की शुरुआत की. इसका परिणाम भी दिखा. हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण.
– टीचरों के लिए पीएफ स्कीम की शुरुआती की. अब उनसे अनुरोध है कि वो ठीक से पढ़ाएं.
– बिहार में प्रतिदिन औसतन 10 लाख लोगों को काम मिल रहा है.
– प्रदेश के किसी कोने से 6 घंटे में पटना पहुंचने का टारगेट.
– लोकायुक्त कानून के दायरे में सीएम तक आते हैं.