मुफ्त यात्रा: कुछ महिलाओं के सम्मान पर चोट, तो कुछ मान रही हैं इसे फायदे का सौदा

मुफ्त यात्रा: कुछ महिलाओं के सम्मान पर चोट, तो कुछ मान रही हैं इसे फायदे का सौदा

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है… दिल्ली सरकार की महिलाओं के लिए डीटीसी बसों और मेट्रो में मुफ्त यात्रा की तैयारियां इस ओर ही इशारा करती हैं. लेकिन अगर चुनाव की वजह से भी ऐसा हो रहा है तो यह एक स्वागत योग्य कदम है.  वहीं इस घोषणा पर महिलाओं की प्रतिक्रिया की बात करें तो जहाँ कुछ को हर क्षेत्र में पुरुषों का मुकाबला कर रही महिलाओं को दिल्ली सरकार का यह फैसला उन्हें पीछे की ओर धकेलता नजर आ रहा है…वहीं कुछ महिलाएं इसे सुरक्षा और आर्थिक रूप से मजबूत होने की दिशा में बढ़ाया गया एक कदम मानती हैं. 

क्या है घोषणा?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मलेन में ऐलान किया कि जल्द ही दिल्ली में महिलाएं डीटीसी, क्लस्टर बसों और मेट्रो में मुफ्त यात्रा  कर सकेंगी. साथ ही उन्होंने कहा कि जो महिलाएं आर्थिक रूप से सक्षम हैं, वह टिकट खरीद लें, जिससे सब्सिडी पर बोझ ना पड़े.  वहीं उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह एक प्रस्ताव तैयार करें कि बसों और मेट्रो में इसको कैसे लागू किया जाए.

क्यों कई महिलाओं को उनके हक़ की बात नहीं आ रही रास?

एमएनसी में काम करने वाली साक्षी का कहना है कि वह अच्छा खासा कमाती हैं और उन्हें दिल्ली सरकार से ऐसी किसी मदद कि कोई जरूरत नहीं है. सरकार को ऐसी सहूलियत ऐसे लोगों को देनी चाहिए जो इसके असल हकदार हैं.  

प्रज्ञा राठौड़ ने ट्विटर पर लिखा,  ” क्या हम महिलाओं को टिकट खरीदने लायक भी नहीं समझा जाता? आपके अनुसार यह सशक्तिकरण है? ”

रोजाना दफ़्तर मेट्रो से जाने वाली सना ने कहा, ” मुफ्त सवारी करने की बजाय सरकार चाहे तो महिलाओं को थोड़ी रियायत दे सकती है लेकिन पूरी तरफ मुफ्त में आना- जाना तो हमें भी  सही नहीं लगेगा. ”

 
सना के साथ ही यात्रा कर रहे उनके सहकर्मी रोहित ने कहा,  ” लड़के भी काफी मेहनत करके पैसे कमाते हैं,  तो लड़कियों को ऐसा छूट देना समझ नहीं आता.  यह बस आने वाले चुनाव में लोगों को गुमराह कर वोट हासिल करने का तरीका है. ” 

इसी तरह पेशे से सी.ए रांची ने भी इसे अगले साल होने वाले चुनाव से पहले जनता को अपनी ओर आकर्षित करने का तरीका बताया. उन्होंने कहा “सबको पता है आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव में कितना खराब रहा, अब महिलाओं के लिए मेट्रो और डीटीसी में मुफ्त यात्रा की योजना लाना महज एक शिगूफा है, जिसे हम जैसे लोग तो समझ जाते हैं पर भोली-भाली जनता इसे सच मान सकती हैं. जबकि हम सबको पता है, ऐसा किसी भी तरह सम्भव नहीं है.”

किन्हें लग रहा है यह फायदे वाली योजना है?

घरेलू कामकाज करने वाली मंजू का कहना है कि वह रोज संगम विहार से साकेत काम करने जाती हैं और रोज आने- जाने में उनके काफी पैसे खर्च होते हैं, जिसके चलते वह अपनी कमाई से कुछ भी बचा नहीं पाती और अगर सरकार की यह योजना लागू हो जाती है तो उनको काफ़ी फायदा होगा. 

छात्रा गौरी का कहना है कि अगर यह योजना लागू होती है तो उन्हें काफी फायदा होगा. हम स्टूडेंट्स को घर से कितने पैसे मिलते हैं और ऐसे में किराया नहीं देना होगा तो जेब खर्च के लिए हमारे पास ज्यादा पैसे होंगे.

शिक्षिका पिया ने कहा,  ” योजना महिलाओं के पक्ष में हैमुझे समझ नहीं आता क्यों महिलाओं ने इसे अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया हैजबकि इसमें साफसाफ कहा गया है कि जो महिलाएं चाहें तो वे टिकट ले सकती हैं.”

दूसरी ओर खुद को भाजपा समर्थक बताने वाले अंकित जैन ने ट्वीट कर मेट्रो को महिलाओं के लिए मुफ्त करने को राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया. उन्होंने ट्वीट किया कि केंद्र सरकार से सलाहमशवरा किए बिना दिल्ली सरकार मेट्रो को महिलाओं की यात्रा के लिए मुफ्त नहीं बना सकतीइससे प्रति वर्ष 3500 करोड़ रुपय का खर्च आएग

वहीं सोशल मीडिया की बात करें तो इससे जुड़े मीम हर जगह वायरल हो गए हैं…

नोट: यह आलेख निहारिका ने लिखा है, वह पेशे से पत्रकार हैं. निहारिका जब कुछ नहीं कर रही होती हैं तो स्नैपचैट पर अपनी शक्ल और जंगली प्राणियों की शक्ल को मिलाकर कुछ प्रयोग कर रही होती हैं.