बिहार के भीतर हाल के दिनों में हुए मंत्रिमंडल विस्तार ने जहां बहुतों को झटके से अहम जिम्मेदारियां और ओहदे से नवाजा है तो वहीं कई ऐसे भी हैं जो खफा हैं. कई खुश हैं तो कई निराश. जैसे गोपालपुर विधायक नरेंद्र कुमार उर्फ गोपाल मंडल ने मीडिया से बातचीत में यह बातें स्पष्ट तौर पर कहीं कि उन्हें इस बात की उम्मीद थी कि वे मंत्री बनाए जाएंगे लेकिन निराशा उनके हाथ लगी.
एक खबरिया वेबसाइट के अनुसार विधायक गोपाल मंडल को इस बात का मलाल है कि पार्टी का मजबूत सिपाही होने के बावजूद उन्हें मंत्रालय नहीं मिला. उन्होंने कहा, “मेरा तो चांस बनता है. नीतीश बाबू के साथ हम शुरू से हैं और हम चार बार विधायक रहे.”
उनके ऐसी बयानबाजी के बाद से ही कयासों का बाजार गर्म हो गया, हालांकि उनकी मानें तो भले ही उन्हें मंत्री न बनाया गया हो लेकिन वे राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में नहीं जाएंगे.
उन्होंने आगे कहा कि वो मुख्यमंत्री से मुलाकात करने पटना आए थे पर मुख्यमंत्री दिल्ली चले गए. वे फिर पटना आएंगे और मुख्यमंत्री से मिलकर अनुरोध करेंगे कि उन्हें किसान प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बना दिया जाए. हालांकि उनकी उम्मीदें पूरी तरह समाप्त नहीं हुई हैं और ऐसा न होने पर भी वे पार्टी के साथ बने रहेंगे.
यहां हम आपको अंत में बता दें कि गोपाल मंडल गोपालपुर विधानसभा सीट से आठ बार चुनाव लड़े हैं और उन्होंने चार बार जीत दर्ज की है. लोकसभा और विधानसभा के लिहाज से देखा जाए तो करीब 14 चुनावों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. इससे पहले भी 2014 में उन्हें सीएम नीतीश कुमार ने मंत्री पद देने की बात यह कहकर टाल दी थी कि सीटें कम हैं.