किसान क्रांति यात्रा के तहत देश के विभिन्न हिस्सों से आए हुए किसान मंगलवार को दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा पर पहुंचे. वे 2 अक्टूबर के रोज किसान घाट पहुंचकर चौधरी चरण सिंह की समाधि पर पुष्प अर्पित करने के साथ ही अपनी मांगें रखना चाहते थे. उनकी मांगें थीं कि सरकार स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करे लेकिन उन्हें बीते रोज दिल्ली मे घुसने नहीं दिया गया. दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर ही किसानों पर पुलिस ने लाठी, आंसू गैस और वाटर कैनन की बरसात की. इस दौरान कई किसान बुरी तरह जख्मी भी हो गए. जख्मी हालत में देर रात दिल्ली पहुंचे किसानों ने चौधरी चरण सिंह की समाधि पर फूल चढ़ाने के बाद और सरकार के आश्वासन के बाद अपना आंदोलन खत्म किया. किसानों के आंदोलन से एक दिन पहले ही दिल्ली में वृद्धा पेंशन की मांग करते हुए भी हजारों की संख्या में देश के विभिन्न हिस्सों से वृद्ध दिल्ली में जुटे थे.