बिहार के सत्तारूढ़ दल – जनता दल (यूनाइटेड) का प्रदेश नेतृत्व भी बदल गया है. महनार के पूर्व विधायक उमेश कुशवाहा को जद (यू) का नया प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित किया गया है. 9 और 10 जनवरी को राज्य परिषद की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया. पार्टी के सांसद राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ ने मीडिया के सामने आकर ऐसी बातें रखीं. उमेश कुशवाहा भी मौके पर मौजूद थे- उमेश कुशवाहा ने इस नई जिम्मेदारी के लिए सीएम नीतीश कुमार का आभार जताया-
कौन हैं उमेश कुशवाहा?
प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नामित किए जाने से पहले उमेश कुशवाहा एक गुमनाम पूर्व विधायक के तौर पर गुजर-बसर कर रहे थे. वे महनार विधान सभा के पूर्व सदस्य हैं. वैशाली जिले का केरी बुजुर्ग उनका पैतृक गांव है. इस चुनाव में उन्हें राजद की वीणा सिंह ने पटकनी दी. वे ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज के ग्रेजुएट हैं. एक राजनेता होने के साथ-साथ कुशवाहा एक संपन्न व्यवसायी भी हैं.
वशिष्ठ नारायण सिंह की जगह लेंगे उमेश कुशवाहा
यहां हम आपको बताते चलें कि वशिष्ठ नारायण सिंह इससे पहले प्रदेश के अध्यक्ष थे. राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने आज मीडिया से रूबरू होकर कहा कि वशिष्ठ नारायण सिंह ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देता हुए उमेश कुशवाहा का नाम आगे किया. राष्ट्रीय स्तर पर संगठन के अध्यक्ष के बदलाव के बाद से ऐसी बातें आम थीं कि प्रदेश स्तर पर भी संगठन में अहम बदलाव किए जाएंगे.
लव-कुश समीकरण साधने की कोशिश!
यहां हम आपको बताते चलें कि उमेश कुशवाहा कोइरी बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं. उमेश कुशवाहा से पहले इस पद के लिए चर्चित नामों में से एक रामसेवक सिंह (पूर्व विधायक) भी इसी बिरादरी से हैं . ऐसे में इस फेरबदल को नीतीश कुमार के पुराने समीकरण (लव-कुश) की ओर लौटने के तौर पर भी देखा जा रहा है. इसके साथ ही रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा की सीएम नीतीश कुमार से इस बीच मुलाकात के भी कुछ ऐसे ही सियासी निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं.