मनीष तिवारी ने घेरा पीएम को, कहा- केंद्र का कोई बड़ा मंत्री क्यों नहीं लगवाता टीका?

मनीष तिवारी ने घेरा पीएम को, कहा- केंद्र का कोई बड़ा मंत्री क्यों नहीं लगवाता टीका?

देश में 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो गई. प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए टीका लगवाने के फायदे गिनाने के साथसाथदवाई भी कड़ाई भीजैसे सुरक्षा नियमों की ओर भी ध्यान इंगित किया.

वहीं देश में अब भी विपक्षी पार्टियों के कई नेता टीके को संदेह के घेरे में रख रहे हैं और इसको लेकर टिप्पणी भी कर रहे हैं.  इसी कड़ी में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भारत बायोटेक द्वारा तैयार कोवैक्सीन टीका पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने टीके के इस्तेमाल की मंजूरी की प्रकिया पर सवाल खड़े किये. उन्होंने यह दावा किया कि सरकार के पास टीकों के आपात उपयोग की स्वीकृति देने के लिए कोई नीतिगत ढांचा नहीं है.

 तिवारी ने कहा कि यदि यह टीका इतना ही भरोसेमंद है तो केंद्र सरकार का कोई बड़ा नेता टीका लगवाने आगे क्यों नहीं आया?  उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी दावा कर रहे हैं कि कोविड टीका सुरक्षित और प्रभावकारी है, तो फिर वे बताएं कि सबसे पहले मोदी सरकार के किसी मंत्री को वैक्सीन क्यों नहीं लगाई गई? मनीष तिवारी ने कहा कि दुनिया के हर देश, जहां टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई है, वहां नेताओं ने टीका लगवाया.  अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी टीका लगवाया. ब्रिटेन में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी टीका लगवाया. ऐसा इसलिए ताकि वे अपने लोगों में वैक्सीन के प्रति भरोसा जगा सके. फिर हमारे यहां क्यों सरकार ऐसा नहीं कर रही?

इससे पहले सपा नेता अखिलेश यादव भी इस टीका को लेकर भाजपा सरकार को घेर चुके हैं . वहीं पीएम मोदी नेकोवैक्सीनके संबंध में कहा कि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने जांच कर टीके को लेकर आश्वस्त किया है. इसलिए किसी भी प्रकार के अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. साथ ही इस टीके का दाम पश्चिमी देशों द्वारा बनाए गए टीके की तुलना में कम है. उन्होंने कहा कि इस टीके को उपयोग में लाना भी आसान है.

वहीं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने विश्व में कोरोना वायरस के खिलाफ सबसे सफल लड़ाई लड़ी है और टीकाकरण अभियान की शुरुआत के साथ ही देश में इस महामारी के खिलाफ लड़ाई अंतिम चरण में पहुंच गई है.