बिहार में NRC लागू नहीं करने का प्रस्ताव पारित, NPR में भी बदलाव

बिहार में  NRC लागू नहीं करने का प्रस्ताव पारित, NPR में भी बदलाव

देश भर में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर हो रही हिंसा और तेज विवाद के बीच बिहार विधानसभा में राज्य में एनआरसी लागू नहीं करने का प्रस्ताव पारित किया गया. इसके अलावा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) में भी संशोधन का प्रस्ताव पारित हुआ है. 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा कि एनपीआर-2010 की श्रेणियों के तहत ही लोगों से सूचनाएं प्राप्त की जाएं. उनका कहना है कि राज्य सरकार ने इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है.

इसी बीच विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीएए को ‘काला कानून’ बताया और इस बयान के बाद सत्ता और विपक्ष के नेताओं के बीच काफी तेज बहस शुरू हो गई. करीब 15 मिनट तक सदन की कार्यवाही भी स्थगित करनी पड़ी।

दरअसल तेजस्वी यादव विधानसभा कार्यवाही शुरू होने पर एनपीआर को लेकर विपक्षी दलों राजद, कांग्रेस और भाकपा माले के कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराए जाने और नीतीश कुमार से स्थिति स्पष्ट किए जाने की मांग कर रहे थे.

नीतीश कुमार ने इस दौरान अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि इस पर कोई संशय की स्थिति नहीं हो कि राज्य में एनपीआर कैसे लागू होगा. किसी भी व्यक्ति के माता-पिता के जन्म स्थान से जुड़ा सवाल नहीं होना चाहिए. बिहार राजग नीत पहला ऐसा राज्य है चहां एनआरसी को लेकर प्रस्ताव पारित हुआ है.

सदन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी ने कहा कि उनके और अन्य सदस्यों के कार्यस्थगन प्रस्ताव स्वीकार किए जाने के बाद वे बोल रहे थे, तभी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक हंगामा करने लगे.

सदन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी ने कहा कि उनके और अन्य सदस्यों के कार्यस्थगन प्रस्ताव स्वीकार किए जाने के बाद जब वे बोल रहे थे, तभी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक हंगामा करने लगे.