प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया. पीएम ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के ज़रिए छात्रों को संबोधित किया, इसके अलावा उन्हें एमयू के 100 बरस पूरे होने पर एक ख़ास डाक टिकट भी जारी किया. आपको बता दें कि क़रीब पाँच दशक बाद ऐसा हुआ कि कोई प्रधानमंत्री यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुआ है. इस जगह पहली बार पंडित नेहरू और आख़िरी बार 1964 में लाल बहादुर शास्त्री पहुँचे थे.
Speaking at the Aligarh Muslim University. Watch. https://t.co/sNUWDAUHIH
— Narendra Modi (@narendramodi) December 22, 2020
पिछले 6 साल में जेनएयू, जामिया और एमयू जैसी यूनिवर्सिटी हमेशा सरकार और लोगों के निशाने पर रही हैं. पिछले साल ही सीएए-एनआरसी के प्रोटेस्ट के दौरान इस विश्वविधालय के बारे में कई तरह की बातें कहीं गईं. सबसे ज़्यादा इन्हें राष्ट्र विरोधी तक का तमग़ा दे दिया गया. ऐसे में आज जब पीएम मोदी मुख्य अतिथि के तौर पर स्टूडेंट को संबोधित कर रहे थे तो उन्होंने क्या कहा?
संबोधन की मुख्य बातें:
– आज AMU से तालीम लेकर निकले लोग भारत के सर्वश्रेष्ठ स्थानों के साथ ही दुनिया के सैकड़ों देशों में छाए हैं. एएमयू के पढ़े लोग दुनिया में कहीं भी हों, भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं.
– कोरोना संकट के दौरान AMU ने जिस तरह समाज की मदद की वो अभूतर्पूव है. लोगों का मुफ्त टेस्ट कराना, आइसोलेशन वार्ड बनाना, प्लाज्मा बैंक बनाना और पीएम केयर फंड में एक बड़ी राशि का योगदान देना समाज के प्रति आपके दायित्यों को पूरा करने की गंभीरता को दिखाता है.
– पीएम ने एमयू को मिनी इंडिया कहते हुए कहा कि मुझे बहुत से लोग बोलते हैं कि एएमयू कैंपस अपने आप में एक शहर की तरह है. अनेक विभाग, दर्जनों हॉस्टल, हजारों टीचर-छात्रों के बीच एक मिनी इंडिया नजर आता है. यहां एक तरफ उर्दू पढ़ाई जाती है, तो हिंदी भी. अरबी पढ़ाई जाती है तो संस्कृति की शिक्षा भी दी जाती है.
– देश आज उस मार्ग पर बढ़ रहा है जहां मजहब की वजह से कोई पीछे न छूटे, सभी को आगे बढ़ने के समान अवसर मिले, सभी अपने सपने पूरे करें. सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास ये मंत्र मूल आधार है।देश की नीयत और नीतियों में यही संकल्प झलकता है.
– नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 21वीं सदी में भारत के छात्र-छात्राओं की जरूरतों को सबसे ज्यादा ध्यान में रखा गया है. हमारे देश के युवा Nation First के आह्वान के साथ देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
– एक empower women का हर फैसले में उतना ही योगदान होता है, जितना किसी और का. फिर चाहे बात परिवार को दिशा देने की हो या देश को. मैं देश की अन्य शिक्षा संस्थानों से भी कहूंगा कि ज्यादा से ज्यादा बेटियों को शिक्षा से जोड़ें.
– हमें समझना होगा कि सियासत सोसायटी का अहम हिस्सा है. लेकिन सोसाइटी में सियासत के अलावा भी दूसरे मसले हैं. सियासत और सत्ता की सोच से बहुत बड़ा, बहुत व्यापक किसी देश का समाज होता है.
– पिछली शतब्दी में मतभेदों के नाम पर बहुत समय पहले ही जाया हो चुका है. अब समय नहीं गंवाना है, सभी को एक लक्ष्य के साथ मिलकर नया भारत, आत्मनिर्भर भारत बनाना है.