नेपाल सरकार के खिलाफ सड़कों पर निकली महिलाएं क्या कह रही हैं?

नेपाल सरकार के खिलाफ सड़कों पर निकली महिलाएं क्या कह रही हैं?

काठमांडू की सड़कों पर नेपाल सरकार के खिलाफ बड़ी संख्या में महिलाएं सड़कों पर उतरीं हैं. दो दिन पहले हाथों में प्ले कार्ड लिए सैकड़ों महिलाओं ने सरकार के खिलाफ सिंह दरबार पैलेस तक मार्च किया. सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. वजह? वजह है अपने मूलभूत नागरिक अधिकारों की रक्षा की मांग. दरअसल नेपाल सरकार एक नये इमिग्रेशन रूल (नए आव्रजन नियम) लेकर आई है, जिसका विरोध हो रहा है. इसके अलावा देश में महिलाओं के साथ लगातार हो रहे भेदभाव के खिलाफ, बलात्कार की घटनाओं के खिलाफ वहां की महिलाएं सड़कों पर उतरी हैं.

आखिर क्या है इमीग्रेशन पॉलिसी?

नेपाल सरकार अपने इमिग्रेशन पॉलिसी में एक नया नियम जोड़ने पर विचार कर रही है. इस नियम के तहत 40 साल या उससे कम उम्र की महिला को विदेश जाने के लिए अपने परिवार या वॉर्ड ऑफिस से अनुमति लेनी होगी. अनुमति का दस्तावेज जमा करने के बाद ही उन्हें विदेश जाने की परमिशन दी जाएगी. इसके साथ ही विदेश जाने वाली महिला को कम से कम 15 लाख नेपाली रुपये (लगभग नौ लाख भारतीय रुपये) का इंश्योरेंस लेना होगा. साथ ही, 1000 अमेरिकी डॉलर (करीब 70 हजार भारतीय रुपये) खर्च के लिए अपने साथ रखने होंगे.

नए नियम पर महिलाएं क्या कह रही हैं? 

नेपाल के संविधान के तहत नागरिकों को कहीं भी आने जाने का अधिकार प्राप्त है. लेकिन यह नया कानून इस अधिकार का हनन कर रहा है. इस बात से नाराज वहां की महिलाओं ने प्रदर्शन करना शुरू किया. सभी महिलाएं खुद का पासपोर्ट लेकर प्रदर्शन में पहुंची थीं. उनका कहना था कि अगर उन्हें ट्रैवल के लिए वॉर्ड ऑफिस से परमिशन लेना है, तो पासपोर्ट क्यों न वहीं जमा करवा दिए जाएं. पासपोर्ट अपने पास रखने का मतलब क्या है? उनका कहना था कि या तो उन्हें सम्मान और पूरे अधिकार के साथ जीने दिया जाए, या फिर उनके पासपोर्ट उनसे वापस ले लिए जाएं. आपको बता दें कि नेपाल सरकार के इस फैसले का हर तरफ से विरोध किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस कानून के खिलाफ विरोध जताया है.