लॉकडाउन डायरी, डे -9: “जो हम आज हैं, वही बनना हमारी सबसे गहरी इच्छा थी”खबरें

लॉकडाउन डायरी, डे -9: “जो हम आज हैं, वही बनना हमारी सबसे गहरी इच्छा थी”

आज के बाद लॉकडाउन के बाद आठ दिन और बचते हैं. आज का दिन मिलाकर नौ दिन हुए. नौ मेरा…

लॉकडाउन डायरी, डे -10: सब अपनी विसंगतियाँ खुद देख सकें, तभी प्रकाश के मायने हैं…खबरें

लॉकडाउन डायरी, डे -10: सब अपनी विसंगतियाँ खुद देख सकें, तभी प्रकाश के मायने हैं…

नौ बजे हैं, पूरा देश प्रकाशपर्व मना रहा है. प्रकाश यानी ज्योति. ऊष्मा. जीवन. चेतना. मैं फ्रॉइड का सातवाँ एपिसोड…

लॉकडाउन डायरी, डे -11: रास्ता चाहे कितना भी मुश्किल लगे, घर हम सबका होता है…खबरें

लॉकडाउन डायरी, डे -11: रास्ता चाहे कितना भी मुश्किल लगे, घर हम सबका होता है…

देर रात हो चुकी है. दस बजकर छियालीस मिनट. खाना खा लिया है. गौरव ने बनाया था. आलू-बैंगन-टमाटर की हलकी…

लॉकडाउन डायरी, डे -12: तो क्या ये सारी दुनिया मेरा अदर हाफ़ है?देश

लॉकडाउन डायरी, डे -12: तो क्या ये सारी दुनिया मेरा अदर हाफ़ है?

दून घाटी अप्रेल 3, 2020 प्रिय ….., इस विश्वास के साथ तुम्हें लिख रही हूँ कि तुम जहाँ हो, मुझे…

लॉकडाउन डायरी, डे -13: याद की गली में दूर तक जाना…खबरें

लॉकडाउन डायरी, डे -13: याद की गली में दूर तक जाना…

याद. वो लमहे, दिन और साल जो अब सामने नहीं मगर भीतर कहीं हैं. बचपन में पिता को अकसर एक…

क्या कभी ऐसा हो सकता है कि हम कुछ सोच ही न पाएं?देश

क्या कभी ऐसा हो सकता है कि हम कुछ सोच ही न पाएं?

मैं सोचती हूं कि मुझे कितनी सारी चीजों से कितनी शिकायतें रहती थीं, आजकल वो शिकायतें पता नहीं कहां चल…

लॉकडाउन डायरी, डे -14: हम इतने अकेले हैं कि दूसरों के साथ रिश्ता महसूस करना भूलने लगे हैंखबरें

लॉकडाउन डायरी, डे -14: हम इतने अकेले हैं कि दूसरों के साथ रिश्ता महसूस करना भूलने लगे हैं

कभी-कभी हम जो कुछ कर रहे होते हैं, सब वहीं छोड़कर, किसी ऐसी जगह चले जाते हैं, जिसे बहुत साफ़…