बालकनी पर केहुनी टिकाकर खड़े होना और नीम की पीली पड़ी पत्तियों को गिरता देखना, दिन कुछ ऐसे गुजरता है.…
अपने ज़ाती काम से आकर मैं अब भी अपने गांव में ही हूं. मौका पाकर फिर से गांव घूमने लगा…
चीन के वुहान से आने वाली ‘कोविड-19’ की खबरें बनाते समय कभी यह नहीं सोचा था कि एक दिन वुहान…
मैं, अपने एक ज़ाती काम से 18 मार्च को अपने गांव पीरू जिला औरंगाबाद आया था. काम तीन-चार दिन का…
आज के बाद लॉकडाउन के बाद आठ दिन और बचते हैं. आज का दिन मिलाकर नौ दिन हुए. नौ मेरा…
मुझे लगता है कि मैं एक चक्रवात के बीच फँसी हूँ. दो अलग दुनियाओं से उठती हवाओं का बना चक्रवात.…