शबनम फांसी मामला: बिहार का जिक्र क्यों आ रहा?

शबनम फांसी मामला: बिहार का जिक्र क्यों आ रहा?

उत्तर प्रदेश के मथुरा शहर की शबनम को अपने ही परिवार के सात सदस्यों की हत्या का दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है. शबनम को 13 साल पुराने मामले में दोषी करार दिया गया है. हालांकि अभी तय नहीं हुआ है कि शबनम को कब फांसी लगाई जाएगी और डेथ वारंट जारी नहीं किया गया है.  शबनम के लिए फांसी का फंदा बनाने का निर्देश बिहार के बक्सर सेंट्रल जेल को मिला है. इसे लेकर बक्सर सेंट्रल जेल सुर्खियों में है.

कौन हैं शबनम, किस दोष में सजा काट रही हैं?

वर्ष 2008 में शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने परिवार के सात सदस्यों को बेहोश कर कुल्हाड़ी से मार डाला. मृतकों में शबनम का 10 महीने का भतीजा भी शामिल था, जिसे गला घोंटकर मारा गया था. यहां आपको बता दें कि सलीम को भी फांसी की सजा सुनाई गई थी, फिलहाल वह प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में है. शबनम के परिवारवालों को सलीम के साथ उनका संबंध पसंद नहीं था. शबनम एमए पास करने के बाद शिक्षामित्र हो गई थी और सलीम आठवीं पास था.

बिहार का नाम क्यों आ रहा है?

हिंदुस्तान अखबार के अनुसार मथुरा जेल अधीक्षक ने सेंट्रल जेल बक्सर को फांसी का फंदा बनाने को लेकर पत्र भेजा है. पत्र मिलने के बाद बक्सर जेल में फंदा तैयार करने का काम शुरू हो गया है.

आपको बतातें चलें कि अंग्रेजों के समय से आज तक  देश में केवल बक्सर सेंट्रल जेल में ही फांसी का फंदा तैयार किया जाता है. इसके पीछे एक प्राकृतिक कारण बताया जाता है. दरअसल, गंगा के किनारे सेंट्रल जेल होने के कारण फंदा बनाने के लिए जो नमी चाहिए वह यहीं प्राप्त होती है. फांसी का फंदा बनाने में बिहार के अलावा पंजाब का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है. फांसी का फंदा 16 फीट लंबी रस्सी से बनता है और इस रस्सी के लिए पंजाब से विशेष किस्म का सूत मंगाया जाता है.

क्या शबनम की फांसी टल सकती है?

वहीं आजतक की एक खबर के अनुसार शबनम के 12 साल के बेटे ने याचिका दायर की है. अब देखना यह होगा कि इस पर कब तक और क्या फैसला होता है?

शबनम की फांसी टल भी सकती है. इससे पहले भी ऐसा रामश्री नाम की महिला के साथ हो चुका है. 23 साल पहले अप्रैल 1998 में एक महिला रामश्री को फांसी देने की तैयारी थी. जेल प्रशासन ने भी अपने ओर से फांसी की तैयारी शुरू कर दी थी लेकिन कुछ महिला संगठनों ने राष्ट्रपति के दया याचिका लगाई थी, जिसके बाद रामश्री की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया. उस वक्त रामश्री का बेटा छोटा था.इस लिहाज से देखें तो अभी पूरी तरह नहीं कहा जा सकता कि शबनम को फांसी होगी ही, क्योंकि रामपुर जेल में बंद शबनम के 12 साल के बेटे ने एक बार फिर से दया याचिका लगाई है.