टूलकिट मामले में दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने निकिता जैकब और शांतनु मुलुक के खिलाफ गैर–जमानती वारंट जारी किया. ये दोनों भी पर्यावरण के लिए काम करते हैं. बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को जैकब की ट्रांजिट अग्रिम जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था और तब तक गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी थी.
वहीं मुकुल को बंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ की एकल बेंच ने ट्रांजिट अग्रिम जमानत दे दी थी. दिशा रवि को तीन कृषि कानूनों से संबंधित, किसानों के विरोध प्रदर्शन से जुड़ी ‘टूलकिट’ सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने ‘टेलीग्राम ऐप’ के जरिए जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को यह ‘टूलकिट’ भेजी थी और इस मुद्दे पर कदम उठाने के लिए ‘‘उन्हे मनाया था. ’’
दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि रवि और मुम्बई की वकील निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु ने ‘टूलकिट’ तैयार की और दूसरों के साथ इसे साझा करके भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश की.
जानिए कौन हैं निकिता और शांतनु?
निकिता जैकब पेशे से वकील हैं. साथ ही वह सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण के मामलों को उठाने वाली कार्यकर्ता हैं. इसके अलावा वो अपने गायन, लेखन, फोटोग्राफी और खाना पकाने आदि का भी शौक रखती हैं.
एक खबरिया वेबसाइट के अनुसार निकिता बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करती हैं. वो पुणे के आईएलएस (इंडियन लॉ सोसाइटिज) से पढ़ चुकी हैं, और महाराष्ट्र और गोवा की बार काउंसिल की सदस्य हैं. इसी के साथ उन्होंने वरिष्ठ वकील गिरीश गोडबोले के चैंबर में तीन साल से ज्यादा वक्त तक काम किया है.
वहीं शांतनु मुलुक की बात करें तो उन्हें साइंस फिक्शन फिल्में, पढ़ने और ट्रेवल करने का शौक है. उन्होंने विदर्भ और मराठवाड़ा के सूखाग्रस्त इलाकों में काम करने के लिए छह महीने पहले एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ दी थी. शांतनु भारत में एक्सटिंक्शन रिबेलियन के को-फाउंडर में से एक हैं. इस संगठन को ‘एक्स आर इंडिया’ के नाम से ज्यादा जाना जाता है. एक खबरिया वेबसाइट की माने तो शांतनु के परिवार ने उनसे हफ्ते भर पहले बात की थी, तब उन्होंने पुणे में कोई नया प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना के बारे में बताया था.