उप्र: सत्याग्रहियों की रिहाई के लिए सामूहिक उपवास की कोशिश करनेवाले हिरासत में

उप्र: सत्याग्रहियों की रिहाई के लिए सामूहिक उपवास की कोशिश करनेवाले हिरासत में

गोरखपुर के चौरी चौरा से दिल्ली के बीच पैदल मार्च के दौरान गाजीपुर में गिरफ्तार किए गए सत्याग्रहियों की रिहाई के लिए जिला मुख्यालय के पास स्थित सरजू पांडेय पार्क में छात्रों और कार्यकर्ताओं ने नागरिक सत्याग्रह और सामूहिक उपवास की योजना बनाई थी. लेकिन पुलिस ने इन छात्र नेताओं को सत्याग्रह और उपवास से रोकते हुए हिरासत में ले लिया.

पुलिस करीब 10 कार्यकर्ताओं व छात्रों को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन ले जा रही है. इसमें छात्र नेता विकास सिंह और शम्मी कुमार शामिल हैं. हिरासत में लिए गए छात्रा नेताओं का कहना है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण तरीके से सत्याग्रह करने वालों को हिरासत में लिया है. उनका कहना है कि देश के जिन नागरिकों को लग रहा है कि वह आजाद हैं, वह धोखे में हैं. उनसे उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता छीनी जा रही है.

दरअसलनागरिक सत्याग्रह नाम से चल रही पदयात्रा में कई विश्वविद्यालयों के छात्र और एक महिला पत्रकार प्रदीपिका सारस्वत और कुछ सामाजिक कार्यकर्ता थे. इन कार्यकर्ताओं ने जेल से ही भारतवासियों के नाम एक खुला पत्र लिखा है.

पुलिस ने बिना किसी पूर्व सूचना के इन्हें 11 फरवरी को रास्ते से उठा कर थाने ले गई और फिर थोड़ी देर के बाद शांति भंग व अन्य कई धारा लगा कर जेल भेज दिया. साथ चल रही महिला सदस्य प्रदीपिका सारस्वत ने गिरफ्तार होने से पहले बताया कि बीते तीनचार दिनों से पुलिस उनके आसपास मंडरा रही थी. उनसे यात्रा को लेकर सवालजवाब भी किए जा रहे थे.

प्रदीपिका पत्रकार हैं. उन्होंने गिरफ्तार होने से पहले अपने फेसबुक पेज पर भी लिखा है कि कल शाम से लोकल इंटेलीजेंस और पुलिस यात्रियों के चक्कर काट रही है, तस्वीरें खींच रही है, वीडियो उतार रही है. स्टेट इतना डरा हुआ कि चंद लोगों को शांति और सौहार्द की बात करते हुए नहीं देख पा रहा है.’

इस बाबत गाजीपुर (सदर) के एसडीएम से पूछने पर उन्होंने बताया कि इन सभी लोगों ने पदयात्रा के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी, फिलहाल इन्हें 151 और 107/16 के तहत गिरफ्तार किया जा रहा है और मामले में जांच करके आगे की कार्रवाई की जाएगीपुन: 11 फरवरी की देर रात उप जिला मजिस्ट्रेट ने ढ़ाईढ़ाई लाख रुपये का मुचलका और दो गजटेड ऑफिसर की शर्त पर जमानत देने का आदेश दिया है. पुलिस ने जिन धाराओं (धारा 151, 7/16 ) के साथ इन्हें गिरफ्तार किया है, उसमें पचीस हजार का मुचलका लिया जाता है. ऐसे में इस तरह का आदेश अपने आप में अजीब है.