उत्तराखंड के चमोली जिले में नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट जाने के कारण ऋषिगंगा घाटी में अचानक विकराल बाढ़ आने से वहां दो पनबिजली परियोजनाओं में काम कर रहे कम से कम 10 लोगों के शव बरामद किए गए हैं और 125 से ज्यादा मजदूर लापता हैं.
तपोवन परियोजना की एक सुरंग में फंसे सभी 16 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है जबकि लगभग 125 अब भी लापता है.
पौड़ी, टिहरी, रूद्रप्रयाग, हरिद्वार एवं देहरादून समेत कई जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और आईटीबीपी एवं राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल बचाव एवं राहत अभियान में लगे हैं. रविवार शाम तक यह माना गया था कि निचले क्षेत्र सुरक्षित हैं और केंद्रीय जल आयोग ने यह बयान दिया था कि यहां के निकटतम गांवों को खतरा नही है लेकिन धौली गंगा नदी का जलस्तर रविवार रात तक बढ़ने लगे. हालांकि बाद में फिर जल स्तर सामान्य होने की जानकारी दी गई.
प्रभावित इलाकों का जायजा लेकर लौटे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हालात नियंत्रण में है, अफवाहों पर ध्यान न दें .
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार–चार लाख रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए लोगों के सुरक्षित होने की कामना की.