आपातकाल के हीरो कुलदीप नैयर ने 95 साल में छोड़ी दुनिया, प्रधानमंत्री ने जताया दुख…

आपातकाल के हीरो कुलदीप नैयर ने 95 साल में छोड़ी दुनिया, प्रधानमंत्री ने जताया दुख…

देश के वरिष्ठतम और सक्रिय पत्रकारों में शुमार किए जाने वाले कुलदीप नैयर ने 95 साल की उम्र में दुनिया छोड़ दी. रात 12:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. बीते लंबे समय से उनकी सेहत खराब चल रही थी. वे बीते तीन दिनों से दिल्ली के एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे. प्रधानमंत्री समेत देश की गणमान्य हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.

उन्हें देश और दुनिया एक पत्रकार के साथ ही लिक्खाड़ के तौर पर भी जानती है. वे कई किताबें लिख चुके हैं. ‘बिटवीन द लाइन्स’, ‘डिस्टेण्ट नेवर : ए टेल ऑफ द सब काॅनण्टीनेण्ट’, ‘इण्डिया आफ्टर नेहरू’, ‘वाल एट वाघा, इण्डिया पाकिस्तान रिलेशनशिप’, ‘इण्डिया हाउस’, ‘स्कूप’ (सभी अंग्रेज़ी में) उनकी कुछ लिखी गई किताबें हैं. ‘द डे लुक्स ओल्ड’ के नाम से प्रकाशित उनकी आत्मकथा भी काफी चर्चित रही. वे भारत सरकार के प्रेस सूचना अधिकारी के पद पर रहने के साथ ही यू.एन.आई, द.स्टैटसमैन, इण्डियन एक्सप्रेस के साथ जुड़े रहे. वे पच्चीस वर्षों तक ‘द टाइम्स’ लंदन के भी संवाददाता रहे. उन्हें साल 1997 में राज्यसभा के लिए भी मनोनीत किया गया था.

पत्रकारिता के शुरुआती दिनों में वे एक उर्दू प्रेस रिपोर्टर थे. वह दिल्ली के समाचार पत्र द स्टेट्समैन के संपादक थे और उन्हें भारतीय आपातकाल (1 975-77) के दौरान गिरफ्तार भी किया गया था. वह एक मानवीय अधिकार कार्यकर्ता और शांति कार्यकर्ता भी रहे. वे 1996 में संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य थे. 1990 में उन्हें ग्रेट ब्रिटेन में उच्चायुक्त नियुक्त किया गया था. वे डेक्कन हेराल्ड (बेंगलुरु), द डेली स्टार, द संडे गार्जियन, द न्यूज, द स्टेट्समैन, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून पाकिस्तान, डॉन पाकिस्तान, सहित 80 से अधिक समाचार पत्रों के लिए 14 भाषाओं में कॉलम और ओप-एड लिखते रहे.