बिहार में बहार है, जला इंसान खुद से कचरे की ढेर में गिर जाता है

बिहार में बहार है, जला इंसान खुद से कचरे की ढेर में गिर जाता है

बिहार में शिक्षा और स्वास्थ्य की बदहाली से जुड़ी खबर हर कुछ दिनों में सुर्खियों में रहती है. रविवार की सुबह से ही बिहार की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तैर रही है. उस तस्वीर में एक बेहद ही बीमार आदमी कूड़ों के ढेर में अचेत हालत में पड़ा हुआ है. कपड़े के नाम पर शरीर पर सिर्फ बनियान और अंडरवियर दिख रहा है. हाथ और शरीर में जहां-तहां खून लगा हुआ है. सोशल मीडिया पर वायरल हुई ये तस्वीर बिहार के हाजीपुर की है.

खबरों की माने तो तस्वीर में दिख रहा युवक आग में जलने के कारण बुरी तरह झुलस गया था, जिसके बाद उसे लालगंज रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन हालत गंभीर होने की वजह से डॉक्टरों ने युवक को हाजीपुर सदर अस्पताल रेफर कर दिया. हाजीपुर अस्पताल में युवक का इलाज करने के बजाए अस्पताल प्रबंधन ने उसे कचरे के ढेर में फेंकवा दिया.

भला हो सोशल मीडिया का

युवक को कचरे के ढेर में पड़े देख किसी शख्स ने फोटो खींच सोशल मीडिया पर डाल दी. और जब चीज एक बार सोशल मीडिया पर आ जाए तो फैलते देर नहीं लगती. सोशल मीडिया पर लोगों ने इस फोटो को शेयर करके बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को खूब कोसा. बात बिहार विधानसभा के प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव तक भी पहुंची. उन्होंने भी फोटो को शेयर करते हुए बिहार के सुशासन पर कटाक्ष किया. तेजस्वी यादव अपने ट्विटर हैंडल से लिखते हैं- ये बिहार में कौन सा राज है? इतनी भी बर्फ़ नहीं गिर रही कि आपकी ज़ुबान ही जम जाए।’

चारों तरफ हो रही आलोचन को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन तुरंत नींद से जागी और जले युवक को इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट किया. इस पूरी घटना पर हाजीपुर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. कामेश्वर मंडल ने सफाई दी है. दैनिक जागरण की खबर के अनुसार मंडल का कहना है कि इमरजेंसी वार्ड की सफाई के दौरान युवक को धूप में बैठाया गया था लेकिन वो कचरे की ढेर पर जाकर बेहोश हो गया. वो आगे कहते हैं कि पूरी घटना की जांच की जाएगी औऱ दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.

अस्पताल प्रबंधन की तरफ से दी गई सफाई समझ से परे है. एक तो जले युवक को धूप में बिठाने का औचित्य समझ नहीं आता. दूसरा अगर वो खुद से जाकर कचरे की ढेर पर गिर गया था, फिर अस्पताल प्रबंधन किन दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रही है?