साल 2018 बिहार की महिलाओं के लिए हिंसा भरा रहा, इस उम्मीद में कि 2019 कुछ अच्छा लेकर आए

साल 2018 बिहार की महिलाओं के लिए हिंसा भरा रहा,  इस उम्मीद में कि 2019 कुछ अच्छा लेकर आए

देश में महिलाओं के प्रति हिंसा में दिन पर दिन बढ़ोत्तरी हो रही है. अभी हम सब महिलाओं के प्रति हो रही किसी एक दर्दनाक घटना पर अपने मन को मजबूत कर रहे होते हैं कि तब तक कुछ और बुरा हो जाता है. फिर सारे शब्द और हिम्मत वहीं रह जाती है. बस एक दिन बाद हम नए साल में प्रवेश कर जाएंगे. अगर बात बिहार की करें तो साल 2018 बिहार के लिए कई मायनों में खराब रहा. खासकर के महिलाओं को लेकर. पिछले 15 सालों में हमसब जिस सुशासन पर थोड़ा इतराने की कोशिश कर रहे थे, 2018 में उसकी ऐसी धज्जियां उड़ी कि पूरा देश देखता रह गया…महिलाओं के प्रति हिंसा की वो खबर जिसने एक महिला होने के नाते, एक बिहारी होने के नाते और एक इंसान होने के नाते शर्मसार कर गई.

बिहिया कांड

भोजपुर जिले के बिहिया में अगस्त में एक महिला डांसर के साथ भीड़ ने वो किया, जिसकी कल्पना मात्र से इंसान की रूह कांप जाए. इंटर में पढ़ने वाले छात्र (विमलेश) की हत्या में महिला डांसर का हाथ होने की सुनी-सुनाई खबर पर भीड़ इकट्ठा हुई. फिर भीड़ ने महिला डांसर को घर से निकाला और पूरे बिहिया बाजार में नंगा करके घुमाया. बिहिया की वो हिंसक भीड़ ये सबकुछ पुलिस के नाक के नीचे (कुछ दूर पर थाना है) करती रही लेकिन प्रशासन चैन से सोई रही. तोड़फोड़, आगजनी और महिला के साथ हो रही बर्बरता जब चरम पर पहुंची, तब जाकर प्रशासन की नींद खुली. फिर पुलिस प्रशासन ने  महिला डांसर को भीड़ से छुड़ाया.

बिहिया रेलवे स्टेशन

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम

मुंबई की टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ स्कूल साइंस (TISS) ने बिहार के 110 शेल्टर होम पर सोशल ऑडिट किया था. इस सोशल ऑडिट में बिहार के लगभग सारे शेल्टर होम की स्थिति बदतर बताई गई थी. लेकिन मुजफ्फरपुर के एक शेल्टर होम में नाबालिग बच्चियों के साथ लंबे समय से हो रहे रेप की खबर ने बिहार के शेल्टर होम की सच्चाई सबके सामने ला दी. इस मामले में हाई-प्रोफाइल लोगों के जुड़े होने की बात सामने आई. बिहार सरकार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति का नाम सामने आने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. साथ ही ये बात सामने आई कि शेल्टर होम के मालिक ब्रजेश ठाकुर को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था.

मुजफ्फरपुर बालिका गृह

जहानाबाद वायरल वीडियो

अप्रैल के आखिर में बिहार के जहानाबाद के काको थाना क्षेत्र का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ. उस वीडियो में एक नाबालिग लड़की से लगभग 7-8 की संख्या में लड़के सरेआम छेड़छाड़ करते दिखे. वीडियो में लड़की ‘भइया प्लीज छोड़ दो’ बोलते सुनाई देती है और उसके साथ मौजूद उसके दोस्त ने भी लड़कों से गुहार लगाई ताकि वो उसे छोड़ दे. लेकिन उन लड़कों ने लड़की की गुहार को अनदेखा करते हुए ना सिर्फ उसके कपड़े खोलते रहे, बल्कि उसके शरीर के हिस्से को छूते रहे. हालांकि वो पूरा का पूरा वीडियो ही दर्दनाक था वीडियो में जो सबसे ज्यादा हैरान करने वाली और दुख पहुंचाने वाली चीज थी, वो था उस वीडियो में शामिल छोटे बच्चे. 10-12 साल के वो बच्चे ना सिर्फ लड़की से छेड़छाड़ कर रहे थे बल्कि उस घिनौने हादसे का वीडियो भी बना रहे थे. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया और दो आरोपियों को पकड़ा भी.

नालंदा में लड़की से सरेआम छेड़छाड़

जहानाबाद की घटना से लोग अभी उबरे नहीं थे कि बिहार के नालंदा से एक और वीडियो वायरल हुआ. नालंदा जो कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला है. सोशल मीडिया पर वायरल हुए उस वीडियो में दो लड़कों ने मिलकर पहले लड़की की साथ रेप करने की कोशिश की लेकिन जब वो रेप में सफल नहीं हुए फिर उन्होंने छेड़छाड़ का वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया. मुख्यमंत्री के जिले की बात होने की वजह से मामला जब हाईलाइट हुए फिर पुलिस नींद से जागी और कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया.

इन सारे ही मामलों में बात पुलिस तक पहुंची है. मुजफ्फरपुर शेल्टर होम का मामला सीबीआई तक पहुंच गया है. हर मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है और जांच चल रही है. उम्मीद करते हैं कि जांच सही से हो और पीड़िताओं को न्याय मिले. हालांकि  महिलाओं से जुड़े अधिकार को लेकर साल 2018 थोड़ा अच्छा रहा. सुप्रीम कोर्ट ने एक तरफ जहां महिलाओं को सबरीमाला में प्रवेश करने की इजाजत दी, वहीं दूसरी तरफ अडल्ट्री कानून में बदलाव करते हुए कहा कि पति पत्नी का मालिक नहीं होता है. साथ ही कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ हुए गैंग रेप के बाद सख्त कानून बनाते हुए 12 साल से छोटी बच्ची से रेप करने वाले मामलों में दोषियों को मृत्युदंड देने का प्रावधान बना. उम्मीद करते हैं कि साल 2019 ना सिर्फ बिहार की बल्कि देश की महिलाओं के लिए अच्छा साबित हो. जिस सम्मान, हक और अधिकार की वो मालिक हैं, उन्हें वो सब मिले.