अनाज भले ही गोदाम में सड़ता रहे लेकिन ‘जनता’ भूख से मरती रहेगी…बिहार

अनाज भले ही गोदाम में सड़ता रहे लेकिन ‘जनता’ भूख से मरती रहेगी…

कोरोना वायरस से बचाव के लिए देश भर में लॉकडाउन चल रहा है. लॉक डाउन का सबसे ज्यादा असर करोड़ों…

मुंबई: दूसरे लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही घर जाने के लिए बांद्रा स्टेशन पर इकट्ठा हुए मजदूर, पुलिस का लाठी चार्जखबरें

मुंबई: दूसरे लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही घर जाने के लिए बांद्रा स्टेशन पर इकट्ठा हुए मजदूर, पुलिस का लाठी चार्ज

आज सुबह ही पीएम मोदी ने दूसरी बार लॉकडाउन की अवधि को तीन मई तक बढ़ाने का ऐलान किया है.…

लॉकडाउन डायरी: छूटती दुनिया के पास होने का सुख मौत के दुख पर बहुत भारी पड़ता है…खबरें

लॉकडाउन डायरी: छूटती दुनिया के पास होने का सुख मौत के दुख पर बहुत भारी पड़ता है…

देर से छत पर बैठा आसमान देख रहा हूँ। ऐसा भरा हुआ आसमान और ऐसी शांति, एकबारगी तो छलावा होने…

लॉकडाउन डायरी, डे -2: क्वैरंटीन, लेखन और एकांत…खबरें

लॉकडाउन डायरी, डे -2: क्वैरंटीन, लेखन और एकांत…

सिद्धार्थ ने वाक़ई क्वैरंटीन के 21 दिनों में किताब लिख दी है. किताब का कवर मुझे बेहद पसंद आया, उसके…

कि मैं यहां नोएडा के हॉटस्पॉट में फंसा हूं और बिहार के हॉटस्पॉट की याद आ रही है…खबरें

कि मैं यहां नोएडा के हॉटस्पॉट में फंसा हूं और बिहार के हॉटस्पॉट की याद आ रही है…

24 मार्च और दिनों की तरह सामान्य नहीं था. वैसे तो ‘कोरोना काल’ में कोई भी दिन सामान्य नहीं, लेकिन…

कोरोना डायरी: मुझे डर लगने लगा है कि ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ कहीं ग्राम्य बोध को न खत्म कर दे…खबरें

कोरोना डायरी: मुझे डर लगने लगा है कि ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ कहीं ग्राम्य बोध को न खत्म कर दे…

अपने ज़ाती काम से आकर मैं अब भी अपने गांव में ही हूं. मौका पाकर फिर से गांव घूमने लगा…

लॉकडाउन जर्नल, डे -3: यह वर्ल्ड ऑर्डर की नई संभावनाएं नहीं, अपने भीतर की संवेदना तलाशने का समय है…खबरें

लॉकडाउन जर्नल, डे -3: यह वर्ल्ड ऑर्डर की नई संभावनाएं नहीं, अपने भीतर की संवेदना तलाशने का समय है…

उत्तर प्रदेश में पदयात्रा के समय ली गई तस्वीर आज एक अरसे बाद मैंने बाहर की दुनिया की तरफ देखा.…

बिहार की ‘स्वास्थ्य व्यवस्था’ और 102 एंबुलेंस सर्विस का कच्चा-चिट्ठा…खबरें

बिहार की ‘स्वास्थ्य व्यवस्था’ और 102 एंबुलेंस सर्विस का कच्चा-चिट्ठा…

लॉकडाउन के दौरान सुनसान सड़क के बीचों-बीच एक महिला अपने 3 साल के छोटे से बच्चे को सीने से चिपकाए…

‘वुहान को देखकर कभी नहीं लगा था कि यह सब हमारे अपने देश में भी होगा’देश

‘वुहान को देखकर कभी नहीं लगा था कि यह सब हमारे अपने देश में भी होगा’

चीन के वुहान से आने वाली ‘कोविड-19’ की खबरें बनाते समय कभी यह नहीं सोचा था कि एक दिन वुहान…

कोरोना डायरी: जब ज़ाती काम से अपने ‘गांव’ पहुंचा शख्स अपने ही ‘गांव’ में फंस जाएखबरें

कोरोना डायरी: जब ज़ाती काम से अपने ‘गांव’ पहुंचा शख्स अपने ही ‘गांव’ में फंस जाए

मैं, अपने एक ज़ाती काम से 18 मार्च को अपने गांव पीरू जिला औरंगाबाद आया था. काम तीन-चार दिन का…