जानिए कौन हैं एशियाई खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाले बजरंग पुनिया

जानिए कौन हैं एशियाई खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाले बजरंग पुनिया

एशियाई खेल के पहले दिन ही भारत के पहलवान बजरंग पुनिया ने देश को स्वर्ण पदक दिलाया। उन्होंने 65 किलोग्राम के फ्रीस्टाइल वर्ग में जापान के पहलवान तकातानी डियाची को 11-8 से हराकर यह पदक अपने नाम कर लिया।

जानिए कौन हैं भारत को एशियाई खेल में पहले दिन पदक दिलाने वाले बजरंग पुनिया:

एशियाई खेल में पहले ही दिन स्वर्ण पदक जीतने के बाद बजरंग पुनिया को गूगल पर काफी सर्च किया जा रहा है. उनके पुराने इंटरव्यू पढ़े जा रहे हैं. हर कोई उनके बारे में कुछ न कुछ जानने की जल्दी में है. दरअसल हम हर बार ऐसा ही करते हैं. हम अपने खिलाड़ियों के मेडल जीतने के बाद ही उन्हें फॉलो करना शुरू करते हैं. हम ऐसा क्यों करते हैं, यह तो बहुत लंबीचौड़ी चर्चा का विषय है. इस पर बाद में कभी लंबी बात होगी.

बजरंग हरियाणा के झज्जर जिले के रहनेवाले हैं. खैर आप में से बहुतों ने पहलवानी का लिंक हरियाणा से जोड़ ही लिया होगा. तो आपका जनरल नॉलेज सही है. ज्यादातर पिताजी बच्चों को खेल में भविष्य बनाने से रोकते हैं लेकिन बजरंग के पिताजी ने उन्हें बचपन से ही खेल में आगे बढ़ने को प्रेरित किया. हमारे देश के अन्य पिताजी भी अब खेल को गंभीरता से लेने लगे हैं. तो आने वाला खेल का भविष्य अच्छा ही दिख रहा है.

 

ओलंपिक में भारत को मेडल दिलाने वाले खिलाड़ी योगेश्वर दत्त ने बजरंग को इस खेल के दांव-पेंच सिखाए हैं और वह उनके ही मार्गदर्शन से आगे बढ़ रहे हैं.  बजरंग इससे पहले भी देश को वर्ल्ड चैंपियनशिप, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन चैंपियनशिप और कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में पदक दिला चुके हैं.

 

बजरंग ने 14 अगस्त को एक ट्वीट में कहा था कि जिंदगी बदलने के लिए लड़ना पड़ता है और आसान करने के लिए समझना पड़ता है. इस बात को वह लगातार साबित भी कर रहे हैं.  

एशियाई खेल से पहले उन्होंने जॉर्जिया जाकर प्रशिक्षण भी लिया. आपको यह भी बता दें कि एशियाई खेल में बजरंग की एंट्री सीधे हुई है. यानी एंट्री के लिए उन्हें कोई मैच नहीं खेलने पड़े क्योंकि रेस्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का मानना था कि वह बांकी खिलाड़ियों के मुकाबले काफी बेहतर हैं. यह मेडल इस बात की गवाही दे रहा.  बजरंग ने इस मेडल को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित किया है, जिनका निधन 16 अगस्त को लंबी बीमारी के बाद हो गया था.