सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ओटीटी, डिजिटल न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए नए नियम

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ओटीटी, डिजिटल न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए नए नियम

केंद्र सरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, डिजिटल न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्म और ओटीटी के लिए नई गाइडलाइंस लेकर आई है. डिजिटल न्यूज मीडिया को अब टीवी और अखबार दोनों के नियम पर चलना होगा.

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिये कहा कि कोई प्रेस या अखबार है तो उसे प्रेस काउंसिल के कोड का पालन करना पड़ता है लेकिन डिजिटल माध्यम की मीडिया के साथ ऐसे किसी नियम का बंधन नहीं रहता. ठीक ऐसे ही टेलीविजन की बात करें तो उन्हें केबल नेटवर्क एक्ट के तहत प्रोग्राम कोड का पालन करना पड़ता है. लेकिन ओटीटी प्लेटफॉर्म को ऐसे किसी के नियम का पालन नहीं करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि सारे मीडिया के लिए समान कानून व नियम होना चाहिए.

जावड़ेकर आगे कहा कि प्रेस मीडिया हो या डिजिटल मीडिया हो, टीवी हो या ओटीटी कुछ एक नियम का पालन सभी प्लेटफॉर्म को करना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि सिर्फ ओटीटी प्लेटफॉर्म से जुड़े 50 प्रतिशत सवाल पूछे गए. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश भर में इस विषय की कितनी चर्चा है. इसलिए यह तय किया गया कि एक संस्थागत तंत्र सभी मीडिया के लिए होना जरूरी है.

मीडिया की आजादी पर उन्होंने कहा कि सभी मीडिया प्लेटफार्म को आजादी तो मिलनी चाहिए क्योंकि मीडिया की आजादी लोकतंत्र की आत्मा है. लेकिन ये मीडिया का दायित्व बनता है कि वे इस बात को समझे कि आजादी के साथ साथ लोग व समाज के प्रति उनकी कुछ जिम्मेदारी भी होती है.

क्या है गाइडलाइन्स?

इस नए रेगुलेशन के तहत ओटीटी और वेबसाइट को अब कंटेंट से संबंधित सभी जानकारी देनी होगी. फिलहाल रजिस्ट्रेशन कराने जैसे नियम को लागू नहीं किया जा रहा है. लेकिन शिकायत दूर करने का मैकेनिज्म होना अनिवार्य है. यानी यूजर को अगर किसी कंटेंट से परेशानी है तो वो उसकी शिकायत कर सकता है.

ओटीटी पर अब सेल्फ रेगुलेशन होगा, सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के रिटायर्ज जज या विशिष्ट व्यक्ति की अध्यक्षता में शिकायत सुनवाई के लिए बॉडी बनेगी. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह ही डिजिटल प्लेटफॉर्म को भी गलती पर माफी प्रसारित करनी होगी.

इस नए नियम के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अब हर छह महीने में शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देनी होगी. साथ ही कंटेट कहां से शुरू हुआ यह बताना पड़ेगा. जैसे किसी वीडियो से दंगा फैलने की स्थिति में ये बताना होगा वो वीडियो कहां से शुरू हुआ था. इसी के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को स्वच्छैकि वैरिफिकेशन यूजर का ऑप्शन देना होगा. इसके तहत अगर किसी यूजर का कंटेट हटाया जा रहा है या उसकी ऐक्सिस रोकी जा रही है तो उसे बताना पड़ेगा कि ऐसा क्यों हुआ.