अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन की जीत हुई है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि उन्होंने रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को कड़े मुकाबले में हरा दिया है. पेन्सिलवेनिया में जीत हासिल होने के बाद बाइडेन को जीतने के लिए जरूरी 270 से अधिक इलेक्टोरल कॉलेज के वोट मिल गए हैं.
जानिए जो बाइडेन के बारे में-
बाइडेन अभी 77 साल के हैं और वह अमेरिका के इतिहास में सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे. इससे पहले जो बाइडेन पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में उप राष्ट्रपति रह चुके हैं. वह करीब आधी सदी से अमेरिका की राजनीति में सक्रिय हैं. वह पहली बार डेलावेयर से 1972 में सीनेटर निर्वाचित हुए थे. आपको बता दें कि बाइडेन सबसे कम उम्र में सीनेटर बनने वाले नेताओं में से एक हैं और वह 78 वें जन्मदिन से कुछ समय पहले अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए हैं. बाइडेन ने कानून की पढ़ाई की है.
वह 1988 और 2008 में डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति उम्मीदवारी हासिल करने की रेस में थे लेकिन वह पार्टी से उम्मीदवार नहीं बन सके.
बाइडेन 1972 में सीनेटर निर्वाचित हुए और इसके कुछ समय के बाद ही उनकी पत्नी नीलिया और बेटी नओमी की मौत एक कार दुर्घटना में हो गई। इस दुर्घटना में उनके बेटे बीयू और हंटर जीवित बचे थे. 2015 में बीयू की मौत ब्रेन कैंसर से 46 साल की उम्र में हो गई. बाइडेन इन दोनों घटनाओं का उल्लेख इस बात को समझाने के लिए भी करते रहे हैं कि क्यों हेल्थकेयर नीति उनके ‘निजी’ दुख से भी जुड़ा हुआ है.
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का समर्थन भी बाइडेन को प्राप्त था
इस चुनाव में बराक ओबामा भी बाइडेन का प्रचार कर रहे थे. उप राष्ट्रपति के रूप में बाइडेन के आठ साल के व्हाइट हाउस कार्यकाल का अनुभव और ओबामा के चुनाव प्रचार ने अफ्रीकी–अमेरिकी मतदाताओं को बाइडेन के पक्ष में प्रभावित करने का काम किया.
भारत में अमेरिकी राष्ट्रपति को लेकर काफी गहमा गहमी है और ऐसी कई खबरें लिखी गईं कि क्यों ट्रप का जीतना भारत के लिए अच्छा है या बाइडेन का जीतना, हम फिलहाल इस बहस में नहीं जा रहे हैं. बस यहां कुछ तथ्य आपको दे रहे हैं. आपको बता दें कि बाइडेन भारत के साथ अमेरिका की मजबूत साझेदारी की वकालत करते रहे हैं. कई साल पहले इस संबंध में दिया गया उनका एक बयान भी भारतीय मीडिया में घूमता है, ‘‘मेरा सपना है कि 2020 में भारत और अमेरिका आपस में दुनिया के सबसे करीबी देश हों.’’
भारत–अमेरिका परमाणु समझौते को भी साकार करने में 2008 में वह महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं. ओबामा–बाइडेन प्रशासन ने भारत को ‘बड़ा सुरक्षा सहयोगी’ देश भी घोषित किया था.