संसद में पेश कृषि विधेयक के खिलाफ हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा

संसद में पेश कृषि विधेयक के खिलाफ हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा

शिरोमणि अकाली दल की नेता और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से पद से इस्तीफा दे दिया है. ऐसा उन्होंने संसद में पेश किये गये कृषि से संबंधित दो विधेयकों के विरोध में किया है. अपने इस्तीफे की जानकारी हरसिमरत ने ट्वीट करके बताई. वो लिखती हैं- ‘‘मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। किसानों की बेटी और बहन के तौर पर उनके साथ खड़े होने पर गर्व है.’’


इससे पहले शिरोमणि अकाली दल नेता सुखबीर सिंह बादल ने लोकसभा में कहा कि पार्टी नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल संसद में लाये गये कृषि संबंधी विधेयकों के विरोध में केंद्र सरकार से इस्तीफा देंगी. गौरतलब है कि केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र प्रतिनिधि थीं.

कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 पर चर्चा में भाग लेते हुए सुखबीर बादल ने कहा, ‘‘शिरोमणि अकाली दल किसानों की पार्टी है और वह कृषि संबंधी इन विधेयकों का विरोध करती है.’’ विधेयक का पुरजोर विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों ने अन्न के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

अकाली दल हमेशा किसानों की पार्टी रही है

लोकसभा में अकाली दल नेता ने कहा, ‘‘ मैं एक घोषणा करना चाहता हूं कि हमारी मंत्री हरसिमरत कौर बादल मंत्रिमंडल से इस्तीफा देंगी.’शिरोमणि अकाली दल किसानों की पार्टी है और हम इस बिल का सख्त विरोध करते हैं. किसानों को लेकर आए इन तीन बिलों से पंजाब के 20 लाख किसान प्रभावित होने जा रहे हैं. वहीं कृषि क्षेत्र के 15-20 लाख मजदूरों पर इसका प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि उनकी पार्टी ने प्रारंभ में इन अध्यादेशों का समर्थन किया था. सुखबीर बादल ने कहा कि हरसिमरत कौर बादल ने मंत्रिमंडल की बैठक में चिंता प्रकट की थी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर प्रस्तावित कानून की खामियों को रेखांकित किया था.

किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस ने अपनाया दोहरा मापदंड  

लोकसभा में बोलते हुए सुखबीर बादल ने कांग्रेस पर गंभीर आऱोप लगाया. उन्होंने कहा कि इस पार्टी का इस मुद्दे पर दोहरा मापदंड है और 2019 के लोकसभा चुनाव तथा 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में उसके घोषणा पत्र में एपीएमसी अधिनियम को खत्म करने का उल्लेख था.

अकाली दल नेता का दावा-हमने कभी यू-टर्न नहीं लिया

निचले सदन में चर्चा के दौरान सुखबीर बादल ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ शिरोमणि अकाली दल ने किसानों के मुद्दों पर कभी भी यू-टर्न नहीं लिया. हम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथी हैं. हमने किसानों की भावना सरकार को बता दी है. हमने हर मंच पर इस विषय को उठाया है. हमने प्रयास किया कि किसानों की आशंकाएं दूर हों लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.’’ उन्होंने कहा कि पंजाब में लगातार सरकारों ने कृषि आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिये कठिन काम किया लेकिन यह अध्यादेश उनकी 50 साल की तपस्या को बर्बाद कर देगा.