बुनियादी मुद्दे भूल अब बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं दक्षिण दिल्लीवाले Uncategorized

बुनियादी मुद्दे भूल अब बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं दक्षिण दिल्लीवाले 

लोकसभा चुनाव के पांच चरणों का मतदान हो चुका है और छठे चरण के मतदान में सबकी निगाहें दिल्ली की…

किशनगंज लोकसभा: कोई है जो डाकपोखर के ‘डाक’ को दिल्ली तक पहुंचाए…Uncategorized

किशनगंज लोकसभा: कोई है जो डाकपोखर के ‘डाक’ को दिल्ली तक पहुंचाए…

सीमांचल (बिहार) का एक जिला है किशनगंज. अपनी भाषाई व धार्मिक विविधता और कई अन्तर्विरोधों की वजह से प्रदेश की…

व्यथा अमदाबाद की, जहां चाउमीन और पाश्ता तो पहुंच गया लेकिन कायदे की सड़कें नहीं…Uncategorized

व्यथा अमदाबाद की, जहां चाउमीन और पाश्ता तो पहुंच गया लेकिन कायदे की सड़कें नहीं…

पूर्णियां प्रमंडल (बिहार) का एक जिला कटिहार. कोशी के बाढ़ का दंश झेलने वाला जिला मगर इसी बाढ़ के साथ…

नवादा लोकसभा: फसाना ‘खनवां’ का जिसे शांडिल्य गिरिराज सिंह ने गोद लिया था…Uncategorized

नवादा लोकसभा: फसाना ‘खनवां’ का जिसे शांडिल्य गिरिराज सिंह ने गोद लिया था…

भारत के भीतर साल 2014 में कई चीजें नई हुईं. यूपीए की सरकार हटी. एनडीए की सरकार बनी. नरेंद्र मोदी…

‘आज भी पुराने लोग मिथिला कला को ‘लिखिया’ कहते हैं, पेंटिंग नहीं’Uncategorized

‘आज भी पुराने लोग मिथिला कला को ‘लिखिया’ कहते हैं, पेंटिंग नहीं’

पिछले दिनों राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मिथिला कला की वयोवृद्ध एवं सिद्धहस्त कलाकार गोदावरी दत्त को पद्मश्री से सम्मानित किया.…

क्या चांद चाहने वाले बच्चे की तरह जिद कर रहे तेजस्वी?Uncategorized

क्या चांद चाहने वाले बच्चे की तरह जिद कर रहे तेजस्वी?

राजद का नव नेतृत्व आखिर किसे उपदेश दे रहा है? वे किससे उदारता की अपेक्षा रखते हैं? अहंकार कौन कर…

अब मच्छर कितने मारे, ये गिनने बैठूँ: केंद्रीय मंत्री वीके सिंहUncategorized

अब मच्छर कितने मारे, ये गिनने बैठूँ: केंद्रीय मंत्री वीके सिंह

भाजपा प्रमुख अमित शाह के ‘बालाकोट में 250 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने’ की टिप्पणी पर विपक्षी पार्टियों ने…

जीवन की धज्जियां उड़ाने वाले हिंदी साहित्य के शिखर पुरुष का देहावसान…Uncategorized

जीवन की धज्जियां उड़ाने वाले हिंदी साहित्य के शिखर पुरुष का देहावसान…

नामवर सिंह नहीं रहे. कल देर रात अंतिम सांस ली. मेरे दिमाग में रात से ही आनंद फिल्म का डायलॉग…

37 रुपये तो दिन भर चाय पीने में चले जाते हैं, कोई पूरे परिवार को कैसे पालेगा?Uncategorized

37 रुपये तो दिन भर चाय पीने में चले जाते हैं, कोई पूरे परिवार को कैसे पालेगा?

37 रुपये तो 5 बार चाय पीने में खत्म हो जाते हैं साब, कोई पूरे परिवार को इतने में कैसे…

कश्मीर में पबजी जैसे गेम का बैन होना सुकून की बात क्यों है?Uncategorized

कश्मीर में पबजी जैसे गेम का बैन होना सुकून की बात क्यों है?

कल से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कश्मीर के लोग एक लेटर डाल रहे हैं. उस लेटर में कश्मीर में ‘प्लेयर…